अर्जुन छाल ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रॉल एव हाई ब्लड प्रेशर में रामबाण औषदि– अन्य रोगो में भी अत्यंत लाभदायक है।

अर्जुन छाल के औषधीय गुण धर्म

अर्जुन का रस कसैला व् तासीर ठंडी होती है। यह ह्रदय विकारो में फायदेमद एव पिट ,कफ का शमन करने वाली होती है। रक्तविकार एव प्रमेह में भी इसके औषधीय गुण अत्यंत लाभदायी होते है।

अर्जुन की सिर्फ ह्रदय विकारो में में ही लाभदायक नहीं माना जाता बल्कि अलग औषद योगों के साथ इसका उपयोग करने से बहुत से विकारों में यह फायदेमंद साबित होता है।

जाने विभिन्न रोगो में अर्जुन छाल के फायदे निम्मन रोगों में अर्जुन का उपयोग किया जाता है।

पित्तशमन एव रक्तपित में :- अर्जुन कफ एव पित्तशमक होता है एव अम्लपित्त में भी लाभप्रद होता है रक्तपित की समस्या में अर्जुन छाल का काढ़ा बना के सुबह एक कप पिने से रक्तपित की समस्या में लाभ होता है।

अम्लपित्त एव पित्तशमन के लिए 1 ग्राम अर्जुन छाल चूर्ण में समान मात्रा में लाल चंदन का चूर्ण मिलाकर इसमें शहद मिला ले। इस मिश्रण को चवाल के माड के साथ प्रयोग करने से जल्द ही बढ़े हुए पित का शमन हो जाता है।

ह्रदय रोगों में अर्जुन छाल का प्रयोग :- ह्रदय विकारो में 30 ग्राम अर्जुन चूर्ण लेकर 30 ग्राम मिश्री मिला लें। इस तैयार चूर्ण में से 1 ग्राम सुबह एव शाम गुनगुने दूध के साथ सेवन करें। जल्द ही ह्रदय से संबंधित सभी विकार दूर ही जाएगे। नित्य एक ग्राम की मात्रा में अर्जुन चूर्ण का इस्तेमाल दूध के साथ सुबह एव सायं करने से भी ह्रदय विकार ठीक होने लगते है।

अगर ह्रदय की धड़कन तेज हो और साथ में पीड़ा या घबराहट हो तो :- अर्जुन की छाल की खीर बना कर सेवन करे। इसकी खीर बनाने के लिए एक भाग अर्जुन छाल 10 ग्राम ,8 गुना दूध एव 32 गुणा पानी लेकर इनको मिलाकर उबालें। जब सारा पानी उड जाये एव दूध बचे तब इसे छान कर रोगी को दिन में दो बार सेवन करवाए। ये सभी विकार जल्द ही दूर हो जायगे।

ह्रदय की कमजोरी में अर्जुन छाल के चूर्ण के साथ गाय का धी एव मिश्री मिलाकर सेवन करवाए। ह्रदय को बल मिलेगा।

अन्य रोगो में अर्जुन छाल के उपयोग व् फायदे :-

दस्त के साथ खून आता हो तो अर्जुन की छाल को बकरी के दूध मिलाकर थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।

रक्त अशुद्धि के कारण त्वचा विकारो में :- मन्जिष्ट के चूर्ण के साथ अर्जुन का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से रक्त की अशुद्वि मिटती है एव त्वचा कांतिमय बनती है।

अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करें :- सुबह श्याम 2 से 3 ग्राम की मात्रा में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर चूर्ण का सेवन करने में परेशानी हो तो साथ में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर सेवन किया जा सकता है।