हड्डियों के रोग नहीं होंगे—-!

बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है , उससे अघिक उसमें गुण भी है।

बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्सियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानि एनीमिया नहीं होता है।

बाजरा लीवर से सबंधित रोगों को भी कम करता है।

गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना अधिक है।

बाजरे में भरपूर कैल्सियम है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषदि है। उधर आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है की खून से होने वाले रोग नहीं होते है।

खासतौर पर गर्भवती महिलाओ को कैल्सियम की गोलिया खाने के स्थान पर रोज बाजरे की ऋ रोटी खानी चाहिए

जब गर्भवती महिलाओं को कैल्सियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती है तो इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्सियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते है।

इतना बाजरे सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा में मामले भी न के बराबर पाए गए है।

बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है।

लिवर की सुरक्षा के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।

उच्च रक्तचाप , ह्रदय की कमजोरी , अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।

यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण ,और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओँ को दूर करता है।

बाजरे के शरीर प्राकृतिक रूप से बलशाली बनता है। यह एंग्जायटी ,डिप्रेशन और नींद न आने की बीमारियों में फायदेमंद होता है। यह माइग्रेन के लिए भी लाभकारी है।

इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते है जो अतिरिक्त वसा को हटा कर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की कम करते है।