पानी पीने के नियम

पानी पीने के 100 नियम है, कुछ इस प्रकार हैं

शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस है तो आपके शरीर के लिए इतना ही तापमान का पानी उचित है।

कभी भी ठंडा पानी ,फ्रिज का पानी, बर्फ का पानी ना पीयें ,ताजा पानी ही पीयें , मिट्टी के घड़े का पानी सर्वोत्तम है।

भोजन करने के पश्चात 60-90 मिनट तक पानी का सेवन ना करें, यदि आप किसान या मजदूर आदि हैं तो 60 मिनट अन्यथा 90 मिनट बाद ही पानी पीयें ।

सुबह उठकर उकड़ू बैठकर सवा लीटर पानी पीयें ।

सुबह उठकर सबसे पहले 3-4 गिलास पानी पीयें , सम्भव हो तो हल्का गुनगुना पानी पीयें यह आपके स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है ।

रात सोने से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीयें , हार्ट अटैक से बचे रहेंगे।

प्लास्टिक की बोतल, लकड़ी की बोतल आदि का पानी न पीयें ।

जब भी पानी पीयें उसे घूंट-घूंट करके ही पीयें , एक गिलास पानी को कम से कम 8-10 बार में थोड़ा थोड़ा करके पीयें , एक घूँट मुह में पानी भरें, थोड़ी देर मुंह में घुमायें फिर इसे पीयें ,दिन भर में अगर 10 गिलास पानी पियेंगे तो 100 बार यह मुह की लार अंदर जाएगी जो अमृत है, इसी प्रकार ही पानी पीना है।

प्यास लगने पर पानी न पीना या इसे टालना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है ।

पानी उबालने पर यदि 3/4 भाग शेष बचे तो यह वातनाशक , यदि 1/2 भाग शेष बचे तो पित्तनाशक ,यदि 1/4 शेष बचे कफ़नाशक का काम करता है।

सबसे शुद्ध बारिश का पानी होता है।
पानी हमेशा बैठकर सुखासन में पीयें ।

कम से कम 4 लीटर पानी रोज पीयें ।

गर्मियों में मिट्टी के बर्तन का पानी सर्वोत्तम है।

सर्दियो में सोने के पात्र का पानी उत्तम है।

बरसात में ताम्बे के पात्र का पानी उत्तम है।

ताम्बे के पात्र का पानी अगर हमेशा पीना है तो 3 महीने लगातार पीयें , फिर 1 महीने बन्द करके, फिर से पीयें ।

गिलास की अपेक्षा ताम्बे के लोटे में पानी पीना सर्वोत्तम है।

RO का पानी पीना बन्द करें, इंसमे कोई पोषक तत्व नहीं ।

पानी को सबसे अच्छा फिल्टर केवल चूना करता है।

पानी को उबाल कर पीया जा सकता है, जिन्हें कोई शारीरिक समस्या है यह सभी नियम आपको किसी भी बीमारी से स्वयं बाहर निकाल लेंगे, और बीमार पड़ने की संभावना भी बहुत कम रहेगी।

यदि कोई भी इन नियमों का पालन करता है तो कम से कम 80 तरह के रोगों से वह बचा रहेगा।

आपके शरीर में प्रोटीन की कमी

आपके शरीर में प्रोटीन की कमी कोने-कोने से खून छीन लेती है…
चिकन-मटन छोड़कर खाएं ये 10 सिम्पल लेकिन सुपर फूड्स जिससे शरीर पर चढ़ेगा मांस और खत्म हो जायेगी तमाम कमियां.

प्रोटीन डेफिशिएंसी से होने वाली बीमारियां…
खाने में प्रोटीन ना होने की वजह से मसल्स खत्म होने लगती हैं।
इसकी वजह से कुपोषण होता है जो एनीमिया को बढ़ाता है।
प्रोटीन की कमी से सूख जाएगा खून…
प्रोटीन की कमी से मरास्मस (सूखा रोग) की बीमारी हो जाती है।
इसमें प्रोटीन ना लेने से कुपोषण हो जाता है।
इसकी वजह से रेड ब्लड सेल्स भी कम होने लगते हैं।
जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है।
इस बीमारी में प्रोटीन देने वाला चिकन, मटन और अंडे से ज्यादा फायदेमंद दूसरे फूड्स होते हैं, जिनमें प्रोटीन के साथ आयरन भी प्रचुर मात्रा में होता है।

(1). पालक…
पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी है जो थकान और कमजोरी को मिटा देती है।
पालक के पत्तों में आयरन और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है। पालक कैल्शियम का भी एक अच्छा स्रोत है।

(2). फलियां…
फलियां बेस्ट वेजिटेरियन फूड्स में से एक हैं।
इसके अंदर दालें, छोले और सोयाबीन आती हैं ।
ये फूड्स मरास्मस (सूखा रोग) की बीमारी दूर करने के लिए दोनों पोषक तत्व देते हैं।

(3). कद्दू के बीज…
अगली बार कद्दू के बीज फेंकने की गलती ना करें।
इन्हें सुखाकर भून लें और खाएं।
कद्दू के छोटे से बीज में प्रोटीन के साथ -साथ आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है ।

(4). क्विनोआ…
क्विनोआ एक हाई प्रोटीन फूड है।
जो रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
इसकी खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं।
सलाद में भी इसे डाला जाता है।

(5). ब्रोकली
ब्रोकली एक सुपरफूड माना जाता है।
इसमें कैंसर से बचाने वाले गुण होते हैं।
साथ ही एनीमिया, थकान, कमजोरी जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह एक बेहतरीन सुपर फ़ूड है।

(6). टोफू…
टोफू दिखने में पनीर की तरह होता है मगर यह दूध से नहीं बनता।
इसे सोयाबीन से तैयार किया जाता है।
यह एक हाई प्रोटीन और हाई आयरन फूड है।
लैक्टोज इनटॉलरेंट भी इसका सेवन आराम से कर सकते हैं।

(7). मक्की का आटा…
अगर आपको मक्के की रोटी खाना पसंद है तो यह कुपोषण और एनीमिया की बीमारी को खत्म करने में बहुत ही कारगर है।
पालक के साग के साथ इसका कॉम्बिनेशन काफी पावरफुल हो जाता है।

(8). ओट्स
ओट्स से हमें प्रोटीन, आयरन और फाइबर मिलता है।
वजन कम करने के साथ -साथ आयरन और प्रोटीन की कमी को दूर करने हेतु भी इसका सेवन करें।
यह शरीर के लिए काफी हेल्दी फूड है।

(9). मटर…
मटर के दाने कमजोरी और थकान का इलाज कर सकते हैं।
यह आपके सूखे शरीर पर मांस भी चढ़ाते हैं।
इनमें प्रोटीन और आयरन की भरमार होती है।

शरीर के संकेतों को अनदेखा ना करें क्योंकि

शरीर के संकेतों को अनदेखा ना करें क्योंकि…..
हमारा शरीर खुद एक डॉक्टर होता है
हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता है,लेकिन हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं।
अगर हम अपने शरीर के इन संकेतों को वक्त रहते समझ जाएं तो बहुत सी बीमारियों का सही समय पर इलाज करा सकते हैं।

जैसे कुछ के बारे में मैं यहाँ जानकारी दे रहा हूँ-

➡️ जीभ पर सफेद या भूरे रंग का मैल जमना पेट की खराबी का संकेत।

➡️ निमोनिया, प्लूरिसी आदि रोग में नाक के नथुने तेजी से फड़कते हैं।

➡️ अधिक थकावट या पुरानी कब्ज की अवस्था में आखों के नीचे कालापन आ जाता है।

➡️ कमजोरी, खून की कमी, ल्यूकोरिया (श्वेत-प्रदर) आदि में आंखों के चारों तरफ कालापन आ जाता है।

➡️ किडनी के कार्य में रुकावट आने पर आंखों के नीचे सूजन आ जाती है।

➡️ बुखार आने पर होठों के कोने पर सफेद छाले हो जाते हैं।

➡️ पीरियड्स कम आने पर गालों पर झाइयां हो जाती हैं।

➡️ फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर गाल लाल हो जाते हैं।

➡️ टायफाइड में शाम को शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ जाता है।

➡️ पेट में कीड़े होने पर बच्चे सोते समय दांत किटकिटाते हैं या सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं।

➡️ पेट में कीड़े होने पर बच्चों को नाक और मलद्वार में खुजली होती है।

➡️ तिल्ली बढ़ने पर जीभ का रंग सफेद हो जाता है।

➡️ आंतों और पेट के रोग में जीभ पर छाले या घाव हो जाते हैं।

➡️ पेट में कीड़े होने पर चेहरे पर हल्के सफेद रंग के धब्बे हो जाते हैं।

➡️ लो ब्लडप्रेशर और खून की कमी होने पर आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है।

➡️ महिलाओं में यूट्रस (बच्चेदानी) में रोग होने पर हाथ की उंगलियों के पीछे कालापन आ जाता है।

➡️ अधिक वीर्यनाश से गाल पिचक जाते है।

➡️ पेट के रोग या किसी लंबी बीमारी में होंठ फटने लगते हैं।

➡️ हाइपोथायरॉइडिज्म (थाइरॉइड ग्लैंड का हारमोन कम निकलना) में गले में सूजन आ जाती है।

यदि आप बड़ी बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने शरीर के छोटे से छोटे परिवर्तन को कभी भी अनदेखा न करें।

अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें,अधिक चटपटी, मसालेदार, अत्यधिक तली – भुनी व बाजार के बने भोज्य पदार्थों का कम से कम इस्तेमाल करें । घर का बना शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें ।

हरा प्याज भी है गुणों से भरपूर

हरा प्याज भी है गुणों से भरपूर…
●●- हरा प्याज खाने के कई फायदे हैं।
● यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम बनाए रखता है।
● इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
● एंटी-बैक्टीरियल गुण के कारण ही इसे खाने से पाचन में भी सुधार होता है।
● हरे प्याज में क्रोमियम होता है।

●●- हरा प्याज खाने से इम्यूनिटी पावर बढ़ता है।
● हरा प्याज चेहरे की झुर्रियों को दूर करता है।
● इसे खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
● हरा प्याज मैक्रोन्यूट्रिशयन को बनाए रखता है।
● हरे प्याज में एंटी- इंफ्लामेंटरी और एंटी- हिस्टामाइन गुण भी होते हैं। इसीलिए, यह गठिया और अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक रहता है।

●●- हिस्टीरिया का रोगी अगर बेहोश हो जाए तो उसे प्याज कूटकर सुंघाएं। इससे रोगी तुरंत होश में आ जाता है।

●●- बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए प्याज बहुत ही असरकारी है।
● बालों पर प्याज के रस की मालिश करने से बाल गिरना बंद हो जाते हैं।
● इसके अलावा, प्याज का लेप लगाने पर कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर से काले होने लगते हैं।

●●- पेशाब होना बंद हो जाए तो दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलवा बना लें।
हलवा गर्म करके पेट पर लेप लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है।
● प्याज पानी में उबालकर वह पानी पीने से भी पेशाब से सम्बन्धित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।