पका हुआ पपीता वायु व पित्त दोषनाशक, वीर्यवर्धक, हृदय के लिए हितकारी,पाचन शक्ति को सुदृढ़ करने तथा यकृत व तिल्ली वृद्धि, मंदाग्नि, आँतो के कृमि एवं उच्च रक्तचाप आदि रोगों में लाभकारी है| छोटे बच्चों और दूध पिलानेवाली माताओं के लिए पपीता एक टॉनिक का काम करता है| यह पाचनशक्ति को सुधारता है | जिन्हें कब्ज की शिकायत हमेशा रहती है, उन्हें पका पपीता नियमित खाना चाहिए !
पपीते में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे हमारी नेत्रज्योति में वृद्धि होती है और रतौंधी रोग में भी पपीता अत्यंत लाभकारी होता है | इसमें विद्यमान विविध एंजाइमों के कारण आँतों के कैंसर से भी रक्षा होती है | पपीते को शहद के साथ खाने से पोटैशियम तथा विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ की कमी दूर होती है !
अन्य औषधीय प्रयोग
अजीर्ण एवं कब्ज
पके पपीते पर सेंधा नमक, जीरा और नींबू का रस डालकर कुछ दिन नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आँतों की सूजन , अपेंडिक्स में लाभ होता है !
दाँतो के रोग
पके पपीते में विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है | अत: दाँतो के हिलने या खून आने में पपीता खाने से विशेष लाभ होता है !
बवासीर
सुबह खाली पेट पपीता खाने से शौच साफ होता है व बवासीर में भी अत्यंत आराम मिलता है ।
बच्चों का विकास
रोज थोडा़ पपीता खिलाने से बच्चों का कद बढ़ता है तथा शरीर मजबूत एवं तंदुरस्त बनता है !
दूधवृद्धि
पपीता खाने से दूध पिलानेवाली माताओं के दूध में वृद्धि होती है !
पेट में कीड़े
कच्चे पपीते का रस 10 ग्राम सुबह पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं !
सावधानियाँ
ये सभी गुण प्राकृतिक रूप से पेड़ पर पके हुए देशी पपीतों के हैं, इंजेक्शन अथवा रसायन द्वारा पकाये गये पपीतों में ये गुण नहीं पाये जाते !
गर्भावस्था में, मासिकस्राव अधिक आनेपर, खूनी बवासीर व गर्मी से उत्पन्न बीमारियों में तथा गर्म तासीर एवं पित्त व रक्त विकार वाले पपीते का सेवन न करें !
कच्चा पपीता आँतों का संकोचन करनेवाला तथा कफ, वायु व पित्त वर्धक होता है!