उपयोगी घरेलू नुस्खे –

साधारण छोटे छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाये ा कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है, जो आपके घर में ही उपलब्ध है ा

(1 ) अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग :- सुबह खाली पेट सप्ताह में बार एक चम्मच अजवायन मुँह में रखें ,और पानी से निगल लें ा चबाए नहीं यह सर्दी,ख़ासी , जुखाम , बदनदर्द , कमरदर्द पेटदर्द कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा ा 10 वर्ष के बच्चों को 2 ग्राम 10 वर्ष से ऊपर 5 ग्राम लेना चहिये

(2 ) मौसमी ख़ासी के किया सेंधा नमक :- सेंधा नमक के लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म के ले जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो क्र निकल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाए ा ऐस नमकीन पानी सोते समय लगातार 2 -3 दिन पिने से ख़ासी विशेष कर बलगम वाली ख़ासी से आराम के लिए बहुत ही कारगर उपाये है

(3) गला बैठ जाने पर मुलेठी का चूर्ण :- मुलेठी के चूर्ण को पान के पते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है ा या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुँह में रख कर कुछ देर चबाते रहे ा प्रातकाल तक गला साफ हो जायेगा

(4) मुँह और गले के कष्टों के लिए सौंफ और मिश्री :- भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ और मिश्री चबाने से मुँह की अनेक बीमारिया और सुखी ख़ासी दूर होती है ा बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है , गले की खुस्की ठीक होती है और आवाज़ मधुर हो जाती है ा

(5) खराब या सुखी ख़ासी के लिया अदरक और गुड़ :- गले में खराब या सुखी ख़ासी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाए ा गुड़ और घी के स्थान पर केवल शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है आराम मिलेगा ा

(6) पेट में कीड़ो के लिए अजवायन और नमक :- आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में अपने स्वाद अनुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म पानी से देने से बच्चों पेट के कीड़े नष्ट होते है , बड़ो के लिए मात्रा को दुगना कर ले

(7) अरुचि के लिए मुनका हरड़ और देशी शक़्कर :- भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुन्नका (बीज निकल दे ) हरड़ और देशी शक्कर को पीसकर चटनी बना ले ा इसे एक चम्मच शहद कर भोजन से पहले दिन में दो बार अंगुली से चाटे ा

(8) बदन के दर्द में कपूर और सरसो का तेल :- 10 ग्राम कपूर , 200 ग्राम सरसो का तेल दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठकन लगा दे शीशी धुप में रखे जब दोनों पथर्त मिलकर एक रस होकर घुल जाए , तब इस तेल की मालिश से नशों का दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता है

(9) पेट में वायु -गैस के लिए मट्ठा और अजवायन :- पेट में वायु बनने पर भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम कला नमक मिलाकर खाने से वायु गैस मिटती है

अक्षय तृतीया पर आज जानिए खरीदारी का शुभ मुहूर्त ,महत्व और पूजा विधि

सार

इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बहुत ही शुभ और दुर्लभ संयोग बना हुआ है ा सौ वर्षो बाद अक्षय तृतीया पर गजकेसरी योग का संयोग है

इसके अलावा अक्षय तृतीया पर धन ,शुक्रादित्य ,रवि ,शश और सुकर्मा योग का निर्माण हुआ है

विस्तार

आज अक्षय तृतीया का पर्व है सनातन धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व होता है अक्षय तृतीया एक अभूझ मुहूर्त की तिथि होती है इस अबूझ मुहूर्त में किसी भी तरह का शुभ कार्य बिना मुहूर्त के विचार किए सम्पन किया जा सकता है हिन्दू पंचाग के अनुसार हर वर्ष यह पावन पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है ा अक्षय का मतलब होता है कि जिसका कभी अक्ष न हो ा अक्षय तृतीया पर सोने चांदी के आभुषण और अन्य तरह की चीजों की खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है अक्षय तृतीया के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा उपासना करने से जीवन में सुख-समृदि और धन -वैभव की प्राप्ति होती है पौराणिक महत्व के नजरिए से अक्षय तृतीया बहुत ही खास तिथि मानी जाती है ा इस तिथि पर ही त्रेता और सतयुग का आरभ हुआ था ा अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था ा अक्षय तृतीया के दिन महर्षि वेद व्यास जी ने भगवान श्री गणेश जी के साथ महाभारत लिखना आरभ की था ा अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते है और चारों धाम यात्रा शुरू होती है ा इसके अलावा अक्षय तृतीयाके दिन ही भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते है ा अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना काफी शुभ माना जाता है

अक्षय तृतीया शुभ तिथि

आज यानि 10 मई, दिन शुक्रवार को अक्षय तृतीया है ा हिन्दू पंचाग के अनुसान वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो गई है और जिसका समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगा

अक्षय तृतीया खरीदारी का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है ा इस दिन हर तरह के शुभ कार्य बिना पंचाग देखे किया जा सकता है ा अक्षय तृतीया पर माँ लक्ष्मी की पूजा और सोने चाँदी की खरीदारी के लिए मुहूर्त 10 मई को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा ा

अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और पूजा का संकल्प लेते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें ा इसके बाद पिले रंग का कपडा पहनकर पूजा स्थल पर बैठकर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराए फिर तुलसी,पिले फूल ,धुप जलाए ा फिर इसके बाद भगवान को भोग अर्पित करके विष्णु चालीसा और माता लक्ष्मी की आरती करे ा