पुदीना के गुण

1. पुदीना भी एक औषधि है
पुदीना खुशबू, स्‍वाद और ताजगी से भरपूर होता है ,जो हमारे शरीर को अंदर और बाहर से ठंडा रखता है। इससे हमारे शरीर को न केवल ताजगी मिलती है बल्कि यह हमारी सेहत और सौंदर्य दोनों के लिये अत्यंत लाभदायक है। पुदीने की पत्तियों में कई ऐसे गुण होते हैं जो हैल्थ से जुड़ी कई प्रॉबल्म से राहत दिलाने के साथ-साथ चेहरे की चमक व रंगत को निखारने का भी काम करते हैं ।
चलिए आज हम आपको पुदीने के कुछ सेहत और सौंदर्य से जुड़े फायदे बताते हैं ,जिनको जानने के बाद आप भी पुदीने को अपनी डाइट व ब्यूटी रूटीन में अवश्य शामिल कर लेंगे।

2. पुदीने के गुण
पुदीने में कैलोरी की मात्रा 6 व फाइबर 1 ग्राम, विटामिन ए आरडीआई का 12%, आयरन 9%, मैंगनीज 8%, फोलेट 4% होता है।
इसके अलावा पुदीना में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट व विटामिन A आंखों की रोशनी को बरकरार रखने व नाइट विजन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। इसमें मिलने वाले एंटीऑक्सिडेंट और ऑक्सीडेटिव तनाव से दूर रखते हैं।

3. पाचन में सुधार
अगर आपका पाचन ठीक नहीं होगा तो खाना पचाने में आपको दिक्कत होगी। इसलिए पुदीना पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने में मदद करता है। अगर आपका पेट खराब हो तो 1 कप पुदीने की चाय पीने से तुरंत राहत मिलेगी। दरअसल, पुदीने की खुशबू मुंह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करती है जिससे पाचन एंजाइम को निकालने में मदद मिलती है ।

4. वजन कंट्रोल
पुदीना अलग-अलग तरीके के पाचन एंजाइमों को प्रेरित करता है जो खाने में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं, साथ ही वसा के रूप में एकत्रित चर्बी को इस्तेमाल करने योग्य ऊर्जा में बदलते हैं। इसलिए पुदीने की चटनी या ड्रिंक पीने से वजन को भी कंट्रोल में किया जा सकता है।

5. सांस संबंधी रोग
पुदीने में फेफड़ों में जमा गंदगी को निकालने के गुण होते हैं, जिससे सांस संबंधी प्रॉबल्म्स अस्थमा कफ व खांसी भी नहीं होती।
अस्थमा की प्रॉबल्म में पुदीने की पत्तियों को सुखाकर इसका चूर्ण बनाएं। अब 1 चम्मच चूर्ण को दिन में दो बार पानी के साथ जरूर खाएं।

6. अनियमित पीरियड्स
अनियमित पीरियड्स में भी पुदीने का सेवन करें।
अगर आपको भी समय पर पीरियड्स नहीं आते तो ऐसे में पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार सेवन करें। इससे पीरियड्स से जुड़ी हर तरह की समस्या से राहत मिलेगी।

7. बीपी कंट्रोल
हाई और लो ब्लड प्रैशर को कंट्रोल में रखने के लिए भी पुदीना काफी मददगार है।
अगर आप हाई बीपी के पेशेंट है तो बिना चीनी व नमक के पुदीने का रस पीयें । लो ब्लड प्रैशर में पुदीने की चटनी या रस में सेंधा नमक, काली मिर्च, किशमिश डालकर खाएं। इससे बीपी कंट्रोल में रहेगा।

8. लू से बचाएं
गर्मियों में लू लगना आम बात है। अगर आप लू से बचना चाहते हैं तो पुदीने और प्याज की चटनी बनाकर खाएं। नियमित इसकी चटनी के सेवन से लू लगने की आशंका कम होगी और उमस के मौसम में जी मिचलाने की समस्या भी कम होगी।
आप चाहे तो 1 चम्मच सूखे पुदीने का चूर्ण और आधा चम्मच छोटी इलायची का पाउडर 1 गिलास पानी में उबालकर भी पी सकते हैं।

9. डिहाइड्रेशन से बचाव
अगर आप डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी से बचे रहना चाहते हैं तो पुदीना का सेवन करें।
पुदीने में प्याज और नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
अगर आप उल्टी,दस्त से परेशान है तो ऐसे में दिन में हर 2 घंटे बाद आधा कप पुदीने का रस पीयें । इससे जल्दी राहत मिलेगी।

10. पिंपल्स से छुटकारा
गर्मियों में पिंपल्स जैसी समस्या ज्यादा होती है। ऐसे में आप पुदीने का इस्तेमाल कर सकते है।
पुदीने की कुछ पत्तियों को पीसकर उनमें 2-3 बूंदे नींबू का रस मिलाकर पिंपल्स से प्रभावित जगह पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धोएं।
लगातार कुछ दिनों तक ऐसा करने से पिंपल्स गायब हो जाएगा और चेहरे पर चमक आएगी।

11. ऑयली स्किन प्रॉबल्म
अगर आपकी स्किन ऑयली है तो पुदीने का फेशियल आपको हर स्किन प्रॉबल्म से बचाएंगा। इसको बनाने के लिए 2 चम्मच ताजा पिसे पुदीने में 2 चम्मच दही और 1 चम्मच ओटमील मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें और 10 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं। 15 -20 मिनट बाद चेहरा धो लें।

12. झाइयों से राहत
पुदीना न केवल सेहत के लिए बल्कि एंटी-एजिंग या चेहरे पर मौजूद झाइयों व दाग धब्बों को हटाने में मददगार होता है।
पुदीने के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां दूर होती है और चेहरे का ग्लो भी बढ़ता है। इसके अवाला पुदीने के पेस्ट में हल्दी मिलाकर लगाने से ब्लैकहेड्स भी निकल जाते हैं।

मूँग दाल भी औषधि है

मूँग डाल से हम सभी लोग बहुत अच्छी तरह परिचित हैं।

मूँग की दाल द्विदल धान्य है और समस्त दलहनों में अपने विशेष गुणों के कारण उत्तम मानी जाती है।

मूँग काले, हरे, पीले, सफ़ेद और लाल अनेक तरह की होती है।

रोगियों के लिए मूँग बहुत ही लाभदायक बताई जाती है।

मूँग की दाल से पापड़, बड़ियां व पौष्टिक लड्डू भी बनाये जाते हैं।

मूंग की दाल खाने में शीतल व पचने में हल्की होती है।

विभिन्न रोगों में मूँग का उपयोग…
(1)- चावल और मूँग की खिचड़ी खाने से कब्ज दूर होती है।
खिचड़ी में गाय का शुद्ध घी डालकर खाने से कब्ज में बहुत लाभ होता है और पेट भी साफ़ रहता है।

(2)- मूँग को सेंककर पीस लें।
इसमें पानी डालकर पेस्ट तैयार कर लें इसे पूरे शरीर पर मालिश करें।
इससे ज्यादा पसीना आना बंद हो जाता है।

(3)- मूँग की छिलके वाली दाल को दो घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
इसके बाद इसे पीसकर गाढ़ा लेप दाद और खुजली युक्त स्थान पर लगाएं,लाभ होगा।

(4)- टाइफाइड के रोगी को मूँग की दाल बनाकर देने से लाभ होता है,
लेकिन टाइफाइड के रोगी के लिए दाल के साथ घी और मसालों का प्रयोग बिलकुल न करें।

(5)- मूँग को छिलके सहित खाना चाहिए।
बुखार होने पर मूँग की दाल में सूखे आंवले को डालकर पकाएं।
इसे रोज़ दिन में दो बार खाने से बुखार ठीक होता है और पेट भी साफ़ होता है।

काली मिर्च के औषधि उपयोग

(1) यदि आपका ब्लेड प्रसेर लो रहता,

तो प्रतिदिन तीन दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।

(2) जुकाम होने पर

कालीमिर्च के चार पांच दाने पिसकर,एक कप दूध में पकाकर सुबह- शाम लेने से लाभ मिलता है

(3) कफ में रहत

एके चम्मच शहद में 2-3 बारिक कुटी हुई काली मिर्च ऑर एक चुटकी हल्दी मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है

(4) इस शरीर की थकावट दूर होती है काली मिर्च से गले की खराश भी दूर होती है

काली मिर्च की चाय पीने से सर्दी जुखाम, खासी और वायरल बुखार में राहत मिलती है गैस के कारण पेट फुलने पर कालीमिरच अशरदार होती है इससे गैस भी दूर होती है। काली मिर्च से पचन क्रिया को ठीक करने में भी सहायता मिलती है।

(5) कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
पित्ती उछलने पर 10 कालीमिर्च को पिसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को आधा चम्मच घी में मिलाकर पीएं और इससे शरीर की मालिश करें। इससे पित्ती उछलना ठीक होती है।

(6) भूख का न लगना:
नींबू की शिकंजी में एक चुटकी भर कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से भूख खुलती है। इसका सेवन भोजन करने से आधे घंटे पहले करना चाहिए।

(7) हिस्टीरिया:
हिस्टीरिया रोग से पीड़ित स्त्री को 1 ग्राम कालीमिर्च एवं 3 ग्राम मीठी बच को खट्टी दही में मिलाकर खाली पेट दिन में कम से कम 3 बार खाना चाहिए। इससे हिस्टीरिया रोग दूर होता है।

(8) पलकों की फुंसी:
आंखों की पलकों पर दर्द वाली फुंसी होने पर कालीमिर्च को पानी में घिसकर लेप करना चाहिए। इससे पलकों की फुंसी पककर व फूटकर ठीक हो जाती है।
उसका लेप बनाकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन भी दूर होती है।

(9) पुराना जुकाम:
काली मिर्च 2 ग्राम को गुड़ और दही के साथ सेवन करें। इससे पुराने से पुराने जुकाम का रोग नष्ट हो जाता है।

(10) गठिया (आमवात):
गठिया के रोगी को कालीमिर्च से प्राप्त तेल से मालिश करना चाहिए। इससे गठिया (आमवात) के रोग में लाभ मिलता है।
कालीमिर्च के तेल से गठिया या जोड़ों पर मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है।

(11) जी मिचलाना :
यदि किसी रोगी का जी मिचला रहा हो तो उसे कालीमिर्च चबाना चाहिए। इससे मिचली के रोग में काफी लाभ मिलता है।

सेहत के लिए वरदान हैं ये हरी सब्जियां, रोजाना पीयें इनका जूस

सेहत के लिए वरदान हैं ये हरी सब्जियां, रोजाना पीयें इनका जूस

जिन लोगों को हरी सब्जियां अच्छी नहीं लगती, वे लोग इसका जूस भी पी सकते हैं। वैसे भी आजकल लोगों में हरी सब्जियों का जूस पीने का चलन काफी बढ़ गया है। एक ग्लास हरी सब्जियों के जूस में भारी मात्रा में प्रोटीन और ऊर्जा पाई जाती है, जिससे हमारे शरीर को हर तरह का पोषण मिल जाता है। मिक्स वेजिटेबल जूस हमें बीमारियों से तो बचाता ही है, साथ ही साथ त्वचा में निखार भी आता है।

टमाटर का जूस
टमाटर का जूस चुकंदर, गाजर, खीरा आदि के साथ पीना ज्यादा फायदेमंद है। टमाटर में मौजूद लाइकोपिन और बीटा कैरोटीन बॉडी की इम्युनिटी को बढ़ाने में सहायक है । इसमें पाये जाने वाले विटामिन्स और कैल्शियम हड्डियों से संबंधित रोगों को दूर करने और दिल से संबंधित समस्याओं से बचाने में भी मददगार है।

करेले का जूस
करेले का जूस मधुमेह को ठीक करता है और साथ ही शरीर में जमा चर्बी को भी बाहर निकालता है। यदि आपको यह जूस पीने में कड़वा लग रहा है तो आप इसमें नींबू का रस मिला सकते हैं।

लौकी (घीया) का जूस
इसका जूस मोटापा, उच्चरक्तचाप, अम्लपित्त, पित्तज रोगों, हृदयरोग एवं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे सीमित मात्रा में पीयें । ध्यान रहे लौकी (घीया) कड़वी न हो ।

पालक का जूस
जो लोग डायटिंग कर रहे हैं उनके लिये यह जूस बहुत उपयोगी है। इस जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन और प्रोटीन होता है। पालक का जूस पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए भी पालक का जूस पीने की सलाह दी जाती है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मददगार है। पालक में मौजूद कैरोटीन और क्लोरोफिल कैंसर से बचाव में सहायक हैं। इसके अलावा यह आंखों की रोशनी के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है ।

तुलसी के सेवन से जबरदस्त फायदे

  1. तुलसी रस से बुखार उतर जाता है ! इसे पानी में मिला कर हर दो –
    तीन घंटे में पीने से बुखार कम हो जाता है!
  2. काई आयुर्वेदिक कफ सिरप में तुलसी का इस्तेमल अनिवार्य है ! जैसे
    की टी बी ब्रोकाइटिस ओर दमा, जैसे रोगो के लिए भी फ़ायदेमंद है।
  3. जुखाम में भी तुसली पत्ते के सेवन से जबरदस्त फायदा होता है।
  4. तुलसी के तेल में विटामिन सी, क्रोटिन, कैल्शियम, ओर फॉस्फोरस, पारचुन,
    मात्रा’ होता है.

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